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ऑक्सीजन के अभाव हुई एक महिला की हुई मृत्यु।29 सिलेंडर होते हुए भी नही थी सामुदायिक केंद्र में आक्सीजन।

झिरनिया-सेठी हिरवे।

ऑक्सीजन के अभाव हुई एक महिला की हुई मृत्यु।

29ऑक्सीजन सिलेंडर होने के बाद भी गुरुद्वारे से बुलवाना पड़ा ऑक्सीजन सिलेंडर।

झिरन्या:- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झिरनिया मुख्यालय के एक मरीज को खरगोन रेफर करने के लिए एंबुलेंस में लेटाने के बाद ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण उसकी मृत्यु हो गई । ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें हॉस्पिटल में 19जंबो और 10छोटे सिलेंडर होने के बाद भी गुरुद्वारे से ताबड़तोड़ ऑक्सीजन सिलेंडर बुलवाना पड़ा।
सुनिए क्या है घटनाक्रम जिसमें एक नवविवाहिता
अमृत पति गुरुप्रित भाटिया ( बाबुल ) भाटिया ने एक दिन पहले हि अपनी विवाह की वर्ष गांठ बनाई थी अगले दिन मंगलवार को सुबह 10 बजे अमृत कौर भाटिया अपनी 2महीने की बच्ची को घर छोड़ कर गुरुद्वारे में लंगर मे अपनी सेवा दे रही थी ,की अचानक अमृत कोर भाटिया की तबियत बिगड़ी और उसे झिरन्या सरकारी हॉस्पिटल में ले गए जहां कुछ देर इलाज के बाद खरगोन रेफर करने की तैयारी की गई, किंतु कोई भी एंबुलेंस हॉस्पिटल पर नही थी सिर्फ एक मात्र विधायक निधि की एंबुलेंस खड़ी थी । जिसमे तुरंत मरीज को खरगोन के लिए रवाना करने वाले ही थे की गाड़ी में रखा ऑक्सीजन सिलेंडर खाली निकाला काफी देर तक परेशान होने के बाद महिला को वापस गाड़ी से उतार कर हॉस्पिटल के वार्ड में ले गये जहा मरीज को ऑक्सीजन की सक्त आवश्यकता थी।
ऑक्सीजन नही मिलने के कारण परिजन गुरुद्वारे में ऑक्सीजन सिलेंडर लेने पहुंचे वार्ड में मरीज को कंस्ट्रेटर से ऑक्सीजन दी जाना शुरू की। किंतु इतना समय बर्बाद होने से मरीज की हालत काफी खराब हो चुकी थी।वही डॉ. दीपक शस्त्रे ने अपनी ड्यूटी नही होने के बावजूद भी मरीज को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी ।लगभग 30 मिनट तक सीने को दबा कर महिला को बचाने की पूरी कोशिश की किंतु सुबह 10=15 से 12=15 बजे तक चल रहे इलाज के बाद महिला की दुखद मृत्यु हो गई । मरीज को कंस्ट्रेटर से ऑक्सीजन दी गई । किंतु हॉस्पिटल में एंवार्टर कनेक्शन नही होने से यदि लाइट जाति हे तो भी ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता बहुत जरूरी हे । इस घटना से परिवार और सिक्ख समाज में काफी रोष देखा गया ।समाज के जिला प्रभारी सुखदीपसिंह भाटिया ने कहा अगर आक्सीजन सिलेंडर होता तो जान बच सकती थी
एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं होने के कारण आज हम समाज की एक बिटिया को खो बैठे हैं।
वही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं गुरुसिख सभा के प्रधान अजीतपाल सिंह भाटिया ने बताया की हॉस्पिटल की घटिया व्यवस्था के कारण आज हमारी बहु की मृत्यु हुई हे ।
सिख समाज हॉस्पिटल की सेवाओं का घोर निंदा करता है और सिख समाज के सभी समाज जनों ने बिटिया के निधन पर रोष व्यक्त किया।
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*समय पर नही ऑक्सीजन सिलेंडर मिलता हे न एंबुलेंस*
1जननी 2 इमरजेंसी 108 होने बाद भी मुख्यालय पर नही मिलती एंबुलेंस की सुविध
पहले भी 2महीने पहले 12जुलाई को ग्राम रतनपुर के रघुवीरसिंह गौड़ को मंगलवार शाम घबराहट हुई । परिजनों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया । वाहन नहीं मिला । जैसे – तैसे शाम 4 बजे मरीज को लेकर सरकारी अस्पताल पहुंचे । डॉक्टरों ने परीक्षण बाद माइनर अटेक बताया । जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दी । दोबारा 108 को फोन किया । वाहन आसपास के क्षेत्र में नहीं होना बताया गया । बीएमओ डॉ . सुनील चौहान चर्चा की ।
उन्होंने विधायक निधि मिली एंबुलेंस से मरीज को लाने को कहा लेकिन इसमें ड्राइवर व डीजल नहीं है । मरीज के परिजनों ड्राइवर व डीजल की व्यवस्था की बात कही । इसके बाद मरीज को सपोर्ट के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ी । अस्पताल ऑक्सीजन सिलेंडर खाली पड़े थे आनन – फानन में मरीज के परिजन गुरुद्वारा पहुंचे और सिलेंडर लेकर पहुंचे । इसके बाद शाम करीब 6.30 बजे मरीज को जिला अस्पताल लेकर रवाना हो सके ।
क्षेत्र की 76 पंचायत के लोग अस्पताल से जुड़े है । व्यवस्था में सुधार होना चाहिए । ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था होना चाहिए

*रोजाना होते है 4 से 5 प्रसव*

सरकारी अस्पताल में रोजाना 4 से 5 प्रसव होते है । वर्ष 2021 में 1385 डिलेवरी हुई थी । नवंबर 2021 में 153 प्रसव हुए थे । 1 जनवरी से जून 22 तक ही 621 प्रसव हो चुके है । गंभीर स्थिति में महिलाओं को रैफर करना पड़ता है ।
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इस संबंध में जिला चिकित्सा अधिकारी सीएमएचओ डॉ डी.एस चौहान ने बताया कि सिलेंडर के लिए मेने बात की थी।वहाँ कांस्टेटर मशीन थी।
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वही डॉ दीपक शस्त्रे ने कहा कि अगर एंबुलेंस में आक्सीजन सिलेंडर भरा होता तो मरीज की जान बच सकती थी ।

झिरनिया से सेठी हरिवे की रिपोर्ट

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