ओंकारेश्वर-ललित दुबे की रिपोर्ट
ओंकारेश्वर बांध के 10 गेट खोले,नर्मदा नदी उफान पर।
प्रदेश में हो रही तेज बारिश को देखते हुए ओंकारेश्वर बांध के दस गेट खोल दिए गए हैं। इससे नर्मदा नदी में उफान आ गया है। इस मानसून सत्र में पहली बार बांध के गेट खुले हैं। इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर नियंत्रित करने के लिए दोनों परियोजनाओं के पॉवर हाउस की टरबाइन चलाकर पूरी क्षमता से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। ओंकारेश्वर में नर्मदा में उफान से सभी घाट जलमग्न हो गए हैं। नर्मदा घाटी के ऊपरी क्षेत्र से आ रहे पानी और सहायक नदियों में उफान से ओंकारेश्वर में बांध के गेट खुलने की संभावना को देखते हुए बांध प्रशासन द्वारा दोपहर में निचले क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया था।
ओंकारेश्वर म बांध का जलस्तर शनिवार शाम तक 195.85 मीटर पहुंचने से रात 7ः30 बजे बांध के दस गेट खोल दिए गए। गेट और टरबाइन से डाउन स्ट्रीम में 3920 क्यूमैक्स पानी छोड़ा जा रहा है। इससे महेश्वर और बड़वानी में नर्मदा का जलस्तर तेजी से बढ़ेगा।
ओंकारेश्वर में शुक्रवार रात से पॉवर हाउस की सभी आठ टरबाइन चलाकर बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। नर्मदा के डाउन स्ट्रीम में 1920 क्यूमैक्स पानी का डिस्चार्ज हो रहा था। इसे देखते हुए ओंकारेश्वर में नाविकों को अपनी नावें सुरक्षित स्थान पर ले जाने और खेड़ीघाट से दुकानों को हटाने के निर्देश दिए गए थे। शाम में बांध के गेट खुलने से कोटितीर्थघाट, नागरघाट, श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा घाट, केवलराम घाट, चक्रतीर्थ घाट, ब्रह्मपुरी घाट, अभय घाट, ओंकारमठ घाट और नर्मदा-कावेरी संगम घाट जलमग्न हो गए हैं।
*बांध के डाउन स्ट्रीम में अलर्ट जारी*
पूर्वी मध्यप्रदेश के अमरकंटक और जबलपुर क्षेत्र में हो रही बारिश तथा बरगी और तवा बांध के गेट खोलने के बाद नर्मदा नदी में पानी तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध प्रबंधन तथा जिला प्रशासन ने बांधों के निचले हिस्सों सनावद, बड़वाह, , ओंकारेश्वर, मोरटक्का, महेश्वर, मंडलेश्वर, बड़वानी और धार जिलों में नर्मदा किनारे के गांवों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। वहीं आपदा प्रबंधन के तहत अधिकारी व कर्मचारियों को नर्मदा नदी के किनारे व घाटों पर तैनात कर दिया है।
*खेड़ीघाट में बढ़ा जलस्तर*
ओंकारेश्वर क्षेत्र में 12 घंटे में पांच इंच से अधिक बारिश शनिवार शाम तक हो चुकी है। वहीं दिनभर कभी मूसलधार तो कभी रिमझिम बरसात होती रही। सिमरोल और चोरल की पहाड़ियों से पानी चोरल नदी में पानी आने से खेड़ीघाट में भी जलस्तर बढ़ गया। ओकारेश्वर क्षेत्र से निकलने वाली मोरगंगा नदी में बाढ़ आ गई है। तेज बरसात होने से खेतों में भी पानी भर गया है। इससे कपास, मिर्च, सोयाबीन, मक्का, ज्वार, उड़द और मूंग की फसल खराब होने का खतरा बढ़ गया है।
*केंद्रीय जल आयोग के अनुसार नर्मदा नदी का जलस्तर*
शुक्रवार रात 156.100
शनिवार सुबह 158.100
शनिवार दोपहर 158.350
शनिवार रात 160.200
@बांधों का जलस्तर#
बरगी बांध 421.35
तवा बांध 353.10
इंदिरा सागर बांध 258.05
ओंकारेश्वर बांध 195.85
(सभी आंकड़े मीटर में)
*इंदिरा सागर जलाशय में आ रहा 21 हजार घनमीटर पानी*
नर्मदा घाटी के प्रमुख इंदिरा सागर बांध का जलस्तर भी हंडिया की ओर से आ रहे पानी के कारण तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार दोपहर में बांध का जलस्तर 258.05 मीटर पर पहुंच गया है। यहां भी आठों टरबाइन चलाकर जलस्तर नियंत्रित किया जा रहा है। यहां से करीब 1900 क्यूमैक्स पानी नर्मदा में छोड़ा जा रहा है। बताया जाता है कि ऊपरी क्षेत्र से पानी आने की रफ्तार ऐसी रही तो 48 घंटों में बांध के गेट खुलने की संभावना बन सकती है। इधर हंडिया की ओर से जो 24 घंटे में आए सात हजार घनमीटर पानी की मात्रा बढ़ कर 21 हजार घनमीटर हो गई है।
*जरूरत के अनुसार खोले जा रहे बांध के गेट*
पुनासा एसडीएम ममता खेड़े ने बताया कि ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर लगातार बढ़ने से ओंकारेश्वर बांध के दस गेट जरूरत के अनुसार खोले जा रहे हैं। ऊपरी क्षेत्र से पानी की आवक की गति इसी प्रकार रही तो सोमवार तक इंदिरासागर बांध के गेट भी खोले जा सकते हैं। नर्मदा नदी के सभी घाटों को खाली करवा लिया है। जिन लोगों ने दुकानें लगा रखी थी उन्हें घाटों से ऊपर पहुंचा दिया गया है। सभी अधिकारी-कर्मचारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं कि किसी भी व्यक्ति को रात्रि में नर्मदा किनारे नहीं जाने दिया जाए।