सेठी हिरवे की रिपोर्ट
झिरन्या सरकारी हॉस्पिटल पिंकी पति जवान सिंह चौहान 21 निवासी बड़ी बामनपुरी गर्भावस्था में डिलीवरी के लिए झिरन्या सरकारी अस्पताल लेकर आए किंतु खरगोन रेफर करने के लिए शासकीय अस्पताल में एंबुलेंस समय से नही पहुंचने और एंबुलेंस पहुंची तो रास्ते में ऑक्सीजन खत्म होने के दौरान नवजात शिशु के मां की मृत्यु हो गई खरगोन जिला अस्पताल में नवजात शिशु को भी नही बचा पाए ।
पिंकी के पति जवान सिंह ने बताया कि डिलीवरी के लिए हॉस्पिटल सुबह 6:00 बजे लेकर गए थे 9:00 बजे तक दर्द चालू था। लगभग 2:30 बजे डिलीवरी हो गई बच्ची पैदा हुई तो बच्ची को सांसे नहीं थी बच्ची को ऑक्सीजन दिया बच्चे की मां को कुछ समय बाद ब्लडिंग ज्यादा चालू हो गई और वह सीरियस हो गई , मां को भी ऑक्सीजन लगाई और एंबुलेंस को फोन लगाया जो काफी देर बाद आई एंबुलेंस की ऑक्सीजन बच्ची को लगाई और बच्चे की मां के लिए हॉस्पिटल से ऑक्सीजन का सिलेंडर दिया था जिसमे ऑक्सीजन 3 किलोमीटर में ही खत्म हो हो गई थी और बॉटल भी खत्म हो गई थी उस समय लगाने वाला भी कोई नहीं था। गाड़ी के ड्राइवर और हेल्पर ने भी हमारी बात नहीं सुनी और लगभग 14 किलोमीटर के आसपास चिरीया के बाद बच्चे की मां ने दम तोड दिया खरगोन अस्पताल में बच्ची को आईसीयू में ले गए वहा थोड़ी सांसे आई थी बाद में बच्ची भी खत्म हो गई । जिसके बाद हम दोनों को मृत अवस्था में घर ले आए।
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2711 2022 को दोपहर 2बजे के लगभग यह लोग हॉस्पिटल आए थे सिस्टर ने चेक किया तो डिलीवरी के बाद में बच्चे की धड़कन भी नहीं थी बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ था बच्चे को कुछ कोशिश करी पर कुछ नहीं हुआ महिला को ब्लैडिंग भी चालू हो गई थी फिर मैनेज करके खरगोन रेफर किया रास्ते में यह सब हुआ है महिला सिकल सेल पॉजिटिव थी उनको खून की कमी थी बच्चे के मरने का भी महिला को सांट लग सकता है मैंने शिवना एंबुलेंस को कॉल किया था फिर झिरन्या वाली गाड़ी आ गई थी ।जिससे दोनो को जिला अस्पताल खरगोन रेफर किया
झिरन्या बीएमओ डॉक्टर सुनील चौहान
*पहले भी ऑक्सीजन की कमी से हुई थी घटना*
झिरन्या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 20/9/2022 को श्रीमति अमृतकौर पति श्री गुरप्रीत ( बाबूल ) सिंह भाटिया निवासी
झिरन्या का अचानक स्वास्थ्य खराब होने से झिरन्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले कर गए जहा ईलाज के लिये डाक्टर ने खरगौन जिला चिकित्सालय के लिये रैफर किया जैसे ही एंबुलेंस में मरीज को लेटाया और खरगोन रवाना करने वाले ही थे कि गाड़ी में रखा आकसीजन सिलेंडर खाली पाया गया ! काकी देर तक आकसीजन नहीं मिलने से मरीज की तबीयत और ज्यादा खराब हो गई । जिसके बाद वापस उन्हें वार्ड में लाया गया जहाँ कुछ समय उपरांत डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया ।सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की लापरवाही के कारण उक्त मरीज की मृत्यु हो गई थी ,और समाज ने इस घटना की सूक्ष्मता से जाँच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग भी की थी
झिरनिया से सेठी हिरवे की रिपोर्ट