अयोध्या के रामलला विग्रह की प्राणप्रतिष्ठा के नगरीय आयोजनों की हुए शुरुवात ।
भव्य कलश यात्रा से नगर हुआ भगवामय ।
आमंत्रण में बाटे जायेंगे पीले अक्षत।
मंडलेश्वर: अयोध्या में श्रीराम लला के विग्रहों की प्राणप्रतिष्ठा आगामी 22 जनवरी को होने वाली है। श्रीराम मंदिर ट्रस्ट अयोध्या ने इस आयोजन को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने का आव्हान किया है। अयोध्या ने इस आयोजन की शुरुवात 15 जनवरी से हो जायेगी। इसी कड़ी में सोमवार को नगरीय स्तर कर सकल सनातनी समाज के आव्हान पर भव्य अक्षत कलश यात्रा निकाली गई। अक्षत कलश यात्रा का शुभारंभ नर्मदा घाट स्थित श्रीराम मंदिर से हुआ। ढोल ताशो के कोलाहल के साथ अयोध्या से आए अक्षत कलश को लेकर सनातनी समाज बंधुओ ने नगर भ्रमण किया। भगवा एवं पीली साड़ीयो में महिलाओं ने इस यात्रा में अपने सर पर कलश रख कर यात्रा के स्वरूप को भगवमय किया। अक्षत कलश यात्रा में भगवान श्रीराम भक्त हनुमान का रूप लेकर चल रही प्रतिकृति आकर्षण का केंद्र थी। हनुमान की प्रतिकृति में चल रहे युवक ने यात्रा के दौरान ढोल एवं ताशो की थाप पर आकर्षक नृत्य भी किया। अक्षत कलश यात्रा नर्मदा घाट स्थित श्रीराम मंदिर से शुरू होकर नगर के मुख्य मार्ग से गुजरते हुए जूना श्रीराम में संपन्न हुई। जूना श्रीराम मंदिर में अक्षत कलश एवं भगवान श्रीराम की महाआरती के साथ आयोजन संपन्न हुआ।
5 जनवरी से शुरू होगा आमंत्रण देने का दौर
सकल सनातनी समाज के स्वयंसेवक अतुल शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया की अयोध्या स्थित श्रीराम मंदिर ट्रस्ट जारी निर्देशों के अनुसार आगामी 5–15 जनवरी के मध्य नगर के सकल सनातनी परिवारों को अयोध्या स्थित भव्य श्रीराम मंदिर के प्राणप्रतिष्ठा हेतु पीले अक्षत के साथ आमंत्रण देने का कार्य शुरू किया जायेगा। इस आमंत्रण में अयोध्या से आए पीले अक्षत के साथ श्रीराम मंदिर के भव्य पोस्टर भी वितरित किए जायेंगे। आमंत्रण देने के साथ सकल सनातनी परिवारों से निवेदन किया जायेगा की 22 जनवरी को ’अपना नगर ही अयोध्या’ के तर्ज पर सुबह प्रत्येक घरों के बाहर रंगोली बनाना है। प्रत्येक घर के शिखर पर भगवा ध्वज लगना चाहिए एवं शाम को प्रत्येक घरों के बाहर दीपमाला सजाना है। शर्मा ने आगे जानकारी देते हुए बताया की त्रेता युग में भगवान श्रीराम रावण का वध करने के उपरांत जब अयोध्या वापस लौटे थे तब अयोध्यावासियों ने नगर के प्रत्येक आंगन को रंगोली, घरों के शिखरों पर भगवा ध्वज एवं शाम को दीपमाला के साथ अयोध्या को सजाया था। उसी तरह 500 वर्षो वो उपरांत भगवान श्रीरामलला अपनी जन्मस्थली अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को पुनः प्रतिष्ठित होने वाले है यह सकल भारतवर्ष के लिए उत्सव का समय रहेगा। इसलिए इस दिन को की त्रेतायुग के आयोजन की तरह सकल भारतवर्ष में मानना सुनिश्चित किया गया है।
बस्ती एवं मोहल्ला टोली करेगी जागरण का कार्य
सकल सनातनी समाज के अन्य स्वयंसेवक भूपेंद्र सिंह चौहान के जानकारी देते हुए बताया की जागरण एवं आमंत्रण का कार्य बस्ती एवं मोहल्ला टोली के माध्यम से किया जायेगा। नगर स्थित तीन बस्ती, चंद्र शेखर आजाद, महाराणा प्रताप एवं भगत सिंह बस्ती में जागरण का कार्य आरंभ हो गया है। अयोध्या से आए एक एक अक्षत कलश प्रत्येक बस्ती में स्थित मंदिर में स्थापित किए जायेंगे। प्रत्येक बस्ती में जन जागरण हेतु प्रतिदिन सुबह प्रभात फेरी निकाली जा रही है। बस्ती की मोहल्ला टोली प्रत्येक सनातनी समाज के घरों में आमंत्रण देने का कार्य करेगी।