अनाज मंडी में किसान एवं मजदुरो के साथ एवं हक़ में कोई बोलने वाला नहीं, लाखों रुपए खर्च किए तो जातें हैं पर सिर्फ और सिर्फ कागजों पर खाना पूर्ति बनकर रह जातें हैं, किसान एवं मजदुरो कों परेशानियों का सामना करना पड़ता है,
सुविधा को लेकर टाय टाय फिस,कई सालों से सुविधा घर बंद पड़े हैं, पानी के प्याऊ बंद पड़े हैं, कुछ प्याऊ चालूं तो है, पर बताया जाता है कि कई सालों से पानी के प्याऊ की टंकी साफ-सफाई नहीं हुई है, एवं नलो की टोंटियां भी नहीं है, किसान एवं मजदुरो कों ना तो बैठने की ना ही खाना खाने की व्यवस्था है, मंडी परिसर में घर से लाएं खानें के लिए किसान एवं मजदुरो कों बैठने की व्यवसताए नहीं होने से, परेशानियों का सामना करना पड़ता है,कई सुविधा घर में साफ-सफाई नहीं होने से बदबू एवं गंदगी नजर आ रही है, बिमारियों का भी डर लगा रहता है,और तो और बड़ी लापरवाही समझ से परे है,इतने गंदे गंदगी से भरें पड़े हुए सुविधा घरों के पास ही अनाज रखा गया है वो भी खुला रखा है, महज़ जो सुविधा घर चालू है,सुविधा घर में आने जाने के लिए अनाज पर से ही पैर रख कर निकलना पड़ता है, पास में ही कचरा जमा पड़ा हुआ है,जब की यह अनाज मंडी से सभी दुकानों पर अनाज बिकने जा ता है, क्या मंडी व्यापारी यों को इस ओर ध्यान दें ना चाहिए, क्यु की आप और हम व्यापारी की दुकानों पर से ही अनाज लाते हैं,ओर आप और हम बगैर देखें परखें अनाज को अपने घर में लाकर फिर बना कर खाते हैं, मंडी परिसर में अनाज के प्रति विभाग के जिम्मेदार अधिकारीयों की ला परवाही नजर आ रही है, सत्य एवं तस्वीरें हकीकत बयां करती है, आखिर मंडी परिसर में अनाज के प्रति लापरवाही पर शहर की जनता को स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों के प्रति अपने स्वास्थ्य को लेकर जिम्मेदारी से विभाग के जिम्मेदार अधिकारीयों को लापरवाही करने पर कार्रवाई होनी चाहिए