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पर्व राज पर्युषण का तीसरा दिन उत्तम आर्जव धर्म।बड़वानी कलेक्टर पहुंचे मुनिश्री के दर्शनार्थ

बड़वानी-नरेश रायक

  • पर्व राज पर्युषण का तीसरा दिन उत्तम आर्जव धर्म।बड़वानी कलेक्टर पहुंचे मुनिश्री के दर्शनार्थ।

बड़वानी (निप्र) दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र बावनगजा पर विराजित आचार्य शिरोमणी विद्या सागर जी महामुनिराज के परम प्रभावक एवम युवा तरुणाई के प्रखर वक्ता मुनिश्री संधान सागर जी के दर्शनार्थ बड़वानी जिले के कलेक्टर सपरिवार और ग्वालियर से पधारे अपने समधी के साथ पहुंचे उन्होंने आज मुनिश्री के कक्ष में पहुंच कर चर्चा की,उसके बाद मंच पर आचार्य श्री के चित्र का अनावरण, दीप प्रज्वलन, किया एवम मुनिश्री के कर पात्र में शास्त्र भेंट किया ,शिवराज सिंह जी वर्मा जी कलेक्टर बड़वानी ने पर्वराज पर्युषण के दौरान चल रही आराधना की साधना प्रयोग शाला की बहोत प्रशंसा की ,कलेक्टर महोदय ने पहाड़ की वंदना करने के उपरांत मुनिश्री की आहार चर्या को भी देखा और आहारचर्या को समझा ,जब उन्हें बताया गया की मुनिराज १आहार और १उपवास कर रहे है तो वे आश्चर्य करने लगे और कहने लगे की ऐसी प्रयोगशाला मुनि श्री संधान सागरजी जैसे संत ही चला सकते है ।
आज प्रातः मुनिश्री ने अपने उत्तम आर्ज़व धर्म पर बोलते हुए कहा की जीवन में सरल होना चाहिए और सीधे होना चाहिए जेसे सुई के धागे को सुई में पिरोने के लिए सीधा करना पड़ता है और सांप भी जमीन पर जब चलता है तो टेढ़ा मेढा चलता है किंतु जब बिल में जाना हो तो सीधा होना पड़ता है । हमे यदि मोक्ष मार्ग पर या मुक्ति के मार्ग पर चलना है तो छल,कपट, मायाचारी, बेईमानी को छोड़ना होगा। इस अवसर पर उपस्थित जिला कलेक्टर श्री वर्मा जी को मुनिराज ने अच्छा प्रशासक बताया और आशीर्वाद भी प्रदान किया साथ ही साहित्य भी दिया ।
मुनिश्री ने कहा की अपने अंदर झांक कर देखो आप में अनंत शक्तियां है ।


मुनिश्री ने कहा की स्व पर दृष्टि आना ही सीधा पन है और दूसरे के ऊपर दृष्टि जाना टेढ़ा पन है इसी टेढ़ेपन से अपने आप को बचाइए। मुनिश्री ने बताया की ४ तरह के लोग होते है१ बाहर से कठोरभीतर से भीतर से सरल जेसे बादाम और नारियल और हमारे माता पिता और गुरु २ बाहर से सरल और अंदर से सरल जेसे किशमिश और साधु संत
तीसरे बाहर से सरल भीतर से कठोर और बाहर से कठोर और भीतर से भी कठोर इनसे हमेशा सतर्क रहना चाहिए। ।आचार्य श्री कहते है सांप ने छोड़ी कांचली,वस्त्र छोड़े तो विष तो छोड़े जब तक अपने भीतर का विष नही छोड़ेंगे तब तक कुछ पुण्य नहीं होगा आज के समय में ये चार चीज को बदल दो दिखावट,बनावट,सजावट, और रुकावट उसमे एक चीज और जोड़ लो बदलाहट इन चारो चिजो को बदल दोगे तो मायाचारी से मुक्त हो जाओगे ।और अपनी सारी रुकावट दूर हो जायेगी ।
आज प्रातः मुनिश्री ने नए प्राणायाम करवाए बाद में भगवान के अभिषेक, शांतिधारा,पूजन संपन्न हुई ,दोपहर को तत्वार्थ सूत्र का वाचन और क्लास हुई शाम को ध्यान,प्रतिक्रमण मुनिश्री, आचार्य श्री और भगवान की आरती की गई रात्रि में ही निमाड़ अंचल महिला मंडल की बड़वानी की बहु मंडल द्वारा भक्तामर स्तोत्र की महिमा की नाटिका का मंचन किया गया जिसको शिविरार्थियों और उपस्थित समुदाय ने बहोत सराहा
उपरोक्त जानकारी मीडिया प्रभारी मनीष जैन द्वारा प्राप्त हुई

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