रूपेश डाकोलिया की रिपोर्ट
करही ।। नगर में रविवार को श्री जैन श्वेताम्बर समाज के समाजजनों ने 24 वे तीर्थंकर भगवान श्री महावीर स्वामी का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया ।
समाजजनों ने श्री जैन श्वेताम्बर मन्दिर जी से भगवान का भव्य वरघोड़ा गाजे बाजे के साथ निकाला गया ।
समाजजनों द्वारा मन्दिर से सुबह 7 बजे भगवान का वरघोड़ा निकाला गया । जो नगर के मुख्य मार्ग होते नेहरू मार्केट तक निकाला गया जहा से वापस मन्दिर जी पहुचा ।इस दौरान समाज की महिलाओ ने जगह जगह गवली पूजन किया । इस दौरान समाजजनों ने भगवान महावीर स्वामी की जय, सत्य अहिंसा प्यारा है यही हमारा नारा है जयघोष लगाए ,
दोपहर 3 बजे में भगवान के जन्मोत्सव के पूर्व भगवान की पूजा ,आरती ,प्रथम दर्शन ,पालना झुलाना ,शिखर ध्वजा आदि की बोली दिलीप छाजेड़,मोहन खिंवसरा, प्रकाशचंद छाजेड़,नाकोड़ा जीनिंग ,जयंती लाल जैन,विनोद पारख ,मिश्रीलाल सुराणा,दीपक डाकोलिया द्वारा बोली ली गई पश्चात ,पश्चात मूल नायक भगवान श्री आदेश्वर ,श्री नाकोड़ा ,श्री दादा ,श्री मणि भद्र दादा ,गुरु आदि भगवानों की पूजा,महाआरती की गई ।
रात 8 बजे मन्दिर में भगवान की महाआरती हुई बाद में भक्ति संगीत का आयोजन किया गया ।
प्राचीन है मन्दिर में प्रतिमाएं
जैन मंदिर जी के गर्भ गृह में विराजित श्री आदेश्वर भगवान के आस पास दो प्रतिमाएं श्री पार्श्वनाथ भगवान की है इन तीनो प्रतिमाओं प्राचीन है ।
मन्दिर के पुजारी हर्षद अत्रे ने बताया गर्भ गृह में विराजित तीनो भगवानों की प्रतिमाओं पर संवत 1545 अंकित है इस हिसाब से प्रतिमाएं 531 वर्ष हो कर प्राचीन है
मूल नायक भगवान श्री आदेश्वर की भारत मे दो ही प्रतिमाएं है एक करही में दूसरी राजस्थान के रणकपुर तीर्थ में ।जिनके पेर पर प्राकृतिक रूप से लांछन है जो भगवान के जीवंत काल के समय था ।यह प्रतिमा चमत्कारिक भी है
भगवान के तीन रूपो में होते है दर्शन
मन्दिर में वीराजीत मूलनायक भगवान की प्रतिमा के तीन अलग अलग रूपो में दर्शन होते है । भगवान की प्रतिमा को ध्यान से देखने पर सुबह बाल्य अवस्था ,दोपहर में युवा अवस्था व शाम को प्रोढ़ अवस्था मे दर्शन होते है
पूर्व वर्षो में मन्दिर में आचार्य श्री जयंतसेन सूरीश्वर जी महाराज ,श्री नवरत्न सूरीश्वर जी महाराज आदि सन्तो ने जब मन्दिर में भगवान के दर्शन किये तो वे भी मंत्र मुग्ध हो गए ।