झिरनिया- सेठी हिरवे
बहुप्रतिक्षित झिरन्या और हाटपिपलिया उद्वहन सिंचाई परियोजना की मिली प्रशासकीय स्वीकृति,टेंडर हुए जारी।
क्षेत्र में खुशी की लहर। 5146 करोड़ की परियोजना से लाभान्वित होंगे 462 गावो के किसान।*
पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने माना मुख्यमंत्री का आभार।

बहुप्रतिक्षित झिरन्या और हाटपिपलिया उद्वहन सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति देकर बजट में शामिल किए जाने पर मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह जी चौहान एवं जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट जी के प्रति भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया और क्षेत्रवासियों को बधाई-शुभकामनाये दी।
वहीं समस्त नहर सैनिकों, किसानों एवं आमजनो ने भी खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह जी चौहान, जल जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम जी सिलावट, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी), सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, पंधाना विधायक राम दांगोरे एवं बागली विधायक पहारसिंह कन्नोजे, भीकनगांव पूर्व विधायक धूल सिंह डावर का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने जो वचन दिया उसे उन्होंने इस परियोजना की स्वीकृति देकर निभाया।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि उक्त स्वीकृति में सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल जी, पंधाना विधायक राम दांगोरे एवं बागली विधायक पहारसिंह कन्नोजे जी का विशेष योगदान रहा।
बागली क्षेत्र के लिए बनी हाटपिपलिया नहर परियोजना से 462 गाँव लाभान्वित होंगे, जिससे 1.30 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। परियोजना की लागत 5146.64 करोड़ रूपए है। वहीं झिरन्या उद्वहन सिंचाई परियोजना से 86 गाँवों की 39520 हेक्टर भूमि सिंचित होगी। जिसमें झिरन्या तहसील के 49 गांव, पंधाना तहसील के 31 गांव तथा खंडवा के 6 गांव सम्मिलित है।
152.75 एमसीएम जल उद्धवहन करके झिरन्या-पंधाना क्षेत्र के गाँवों को सिंचित किया जाएगा। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 1387.15 करोड़ रुपए है।
ज्ञात हो कि विगत 4 वर्षांे से चल रहे निमाड़ के सबसे बड़े नहर आंदोलन को आज राज्य सरकार के आगामी बजट में प्रशासनिक स्वीकृति करके टेंडर जारी करने हेतु निर्देश जारी किए गए है।
झिरन्या परियोजना को लेकर किसान नेता दिवंगत महिपाल सिंह राठौड़ ने 2017 से क्षेत्र के युवाओं को साथ लेकर तत्कालीन प्रशासन ओर सरकारों से नहर के लिए मांग उठानी शुरू की थी। जिन्होंने विगत 3 वर्षों से आंदोलन, रैलियां, धरना प्रदर्शन करके समय-समय पर सरकार एवं एनवीडीए आधिकारियो से मिलकर अपने क्षेत्र के लिए झिरन्या उद्धवन सिंचाई परियोजना की डीपीआर तैयार करवाई।
इसे लेकर विगत समय में कई जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को पत्र प्रेषित कर परियोजना को स्वीकृति प्रदान करने हेतु सतत प्रयत्नशील रहे।
इस दौरान पूर्व मंत्री एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने किसानों के साथ मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिह चौहान से मिलकर उक्त परियोजना की प्रशासनिक स्वीकृति हेतु हर संभव प्रयास करके क्षेत्र के नहर सैनिकों के संघर्ष में साथ दिया।
जिसकी परिणाम स्वरूप नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा 27 सितंबर 2021 को इस परियोजना को सैद्धांतिक स्वीकृति दे गई थी, जिसे राज्य सरकार के सिंचाई संबंधित बजट में प्रशासनिक स्वीकृति देकर टेंडर हेतु प्रक्रिया जारी कर दी गई है।
झिरनिया से सेठी हिरवे की रिपोर्ट।