खरगोन से आशीष गुप्ता की रिपोर्ट
गुरुपुर्णिमाा पर गुरु- शिष्य परंपरा निभाते हुए अपने भक्तों ने गुरुगादियों पर मत्था टेका। यह पहला अवसर रहा जब रविवार होने के बाद भी स्कूलें खुली और बच्चों ने गुरुपूजन कर गुरु के महत्व को जाना।
जिले में शहर से करीब 6 किमी दूर कसरावद रोड़ पर श्रीश्री 1008 श्री पूर्णानंद बाबा (लूला बाबा) की तपोस्थली इंद्रटेकरी पर सुबह से देरशाम तक भक्तों की कतार दर्शनार्थ लगी रही। ट्रस्ट पदाधिकारियों के मुताबिक यहां सुबह से देररात तक करीब डेढ़ लाख भक्तों ने दर्शन कर गुरुप्रसादी ग्रहण की। इंद्रटेकड़ी पर गुरूभक्तों का सैलाब सुबह से ही दर्शनार्थ उमड़ पड़ा। हजारों की संख्या में लोग कतारबद्ध होकर दर्शन पाने का इंतजार करते रहे। भक्तों की भारी भीड़ के चलते एसपी धर्मवीर मीना खुद व्यवस्था संभालते नजर आए। ट्रस्ट के अजय भट्ट, दिलीप चौहान, अनिल जोशी आदि ने बताया कि मंदिर में सुबह 7 बजे बाबा की प्रतिमा का अभिषेक किया गया, 9 बजे महाआरती हुई। इसके बाद भंडारे की शुरुआत हुई। मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचने वाले भक्तों को 51 क्विटल हलवे की महाप्रसादी का दिनभर वितरण होता रहा। वहीं भंडारे में एक हजार से अधिक ग्रामीण स्वयंसेवको ने सेवाएं दी। शहर के कुंदा तट स्थित छोटा शिर्डी धाम श्री सांई मंदिर में भी गुरुपर्व उत्सव के रुप में मनाया गया। पंडित ललित अत्रे ने बताया कि सुबह अभिषेक, श्रंृगार हुआ। जिसके दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त मंदिर पहुंचे। दोपहर में भोजन आरती के बाद खिचडी, कढ़ी और नुक्ती की महाप्रसादी का वितरण किया गया।