करही-रूपेश डाकोलिया।
महादेव खेदरा के पास जंगल में तेंदुए ने की बछड़े के शिकार की कोशिश।
एक वर्ष में छटी बार तेंदुए ने मवेशी पर किया हमला।
करही । पाडल्या रेंज के अंतर्गत रोश्याबारी के समीप महादेव खोदरा कक्ष क्रमांक 71 के जंगल में 1 सितंबर को रोश्याबारी गांव के किसान पप्पू लाला सुबह अपने मवेशी जंगल में चराने गया था दोपहर को मवेशी के झुंड के पास आकर तेंदुए ने एक बछड़े पर हमला कर उसे पकड़ लिया तेंदुआ भी अपने शिकार को पकड़ कर पास ले जाकर बैठ गया ।इस दौरान युवक ने अपनी सूझबूझ दिखाते हुए तेंदुए को भगाने के लिए शोर मचाते हुए पत्थर फेंके जिससे तेंदुआ बछड़े को घायल कर जंगल की ओर भाग गया ।
पप्पू परमार ने बताया में करीब दस वर्षो से जंगल में मवेशियों को चराने जाते हु विंध्याचल में महादेव खोदरा के पास मवेशियों के झुंड के सामने अचानक तेंदुआ आ गया उसने गाय के बछड़े को दबोच लिया करीब 10 मिनिट तक उसने बछड़े का शिकार करने की कोशिश की पर मेने भी तेंदुए को भगाने के लिए शोर मचाया ,पत्थर भी फेंके जिसके बाद तेंदुए ने बछड़े को घायल कर जंगल की ओर ।निकल गया ।
घटना की जानकारी पाडल्या वन विभाग को दी गई जिसके बाद वन परिक्षेत्र सहायक विजय तारे ,वन रक्षक रंजित सोलंकी मौके पर पहुंचे जहा पर मोका पंचनामा बनाया ।
पाडल्या वन विभाग के रेंजर विष्णु पाटीदार ने बताया घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के कर्मचारियों को मौके पर भेजा गया था जहा पर पीड़ित व्यक्ति के मवेशी (बछड़े) के उपचार हेतु शासन के नियमानुसार राशि देने का आश्वासन दिया है ।
श्री पाटीदार ने बताया पाडल्या रेंज क्षेत्र के अंतर्गत तेंदुए की आवाजाही होती रहती है ।
एक वर्ष में छटी बार तेंदुए ने किया मेवेशियो पर हमला
रेंजर विष्णु पाटीदार ने बताया मेरे कार्यकाल के दौरान एक वर्ष में छटी बार तेंदुए ने मवेशी पर हमला किया है इससे पहले बड़की चौकी ,आशाखो में तीन बार,पेमपुरा के समीप दो बार तथा 1 सितंबर को महादेव खोदरा के समीप जंगल में बछड़े पर हमला किया है ।एक वर्ष पूर्व भी अनेकों बार तेंदुआ मवेशियों को अपना शिकार बना चुका है
भारत में सबसे ज्यादा तेंदुए मध्यप्रदेश में
रेंजर विष्णु पाटीदार ने बताया 2018 में हुए सर्वे के आंकड़ों पर नजर डाले तो भारत में सबसे ज्यादा 3421 तेंदुए सिर्फ मध्यप्रदेश में है यहां पर इसकी संख्या भी बढ़ रही है तेंदुआ बरसात में पहाड़ी के ऊपर की ओर ही रहना पसंद करते है गर्मी के दिनों में जगलो में पानी की कमी के कारण गावो की ओर आ जाते है इस दौरान वे मक्का ,कपास,गन्ना ,पपीता ,केला जेसी बड़ी फसलों में छुपता है साथ ही मवेशियों को अपना शिकार भी बना लेते है बारिश और ठंड में जंगल में ऊपर की ओर ही रहना पसंद करते है ।आम दिनों में तेंदुआ द्वारा ज्यादातर खरगोश ,सियार आदि वन्य जीव का शिकार करते है तेंदुआ एक रात में 40 से 45 किमी तक चलता है वही स्वस्थ वयस्क तेंदुए का वजन भी 60 से 80 किलो तक होता है निशाचर प्रवृति का होता है जिससे ज्यादातर रात में शिकार करता है
जंगल में चार से पांच तेंदुए की आवाजाही।
वन विभाग के अनुसार चोरल रेंज,बलवाड़ा रेंज,पाडल्या रेंज,मानपुर रेंज, काकड़दा रेंज तक के जंगलों में चार से पांच तेंदुआ की आवाजाही रहती है हालाकि नए 2022 टाइगर आंकलन सर्वे के आधार पर संख्या बढ़ भी सकती है, जिनका विश्लेषण राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली में हो रहा है उसके बाद ही पता चल सकेगा कि विंध्याचल रेंजो के जंगलों में वास्तविक तेंदुओं की संख्या कितनी है