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सत्संग हमे सच्चाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है – पण्डित कृष्ण नयन।

नानपुर से जितेंद्र वाणी।

सत्संग हमे सच्चाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है* = पण्डित कृष्ण नयन।
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भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक प. आयुष कृष्ण नयन ने सुनाये महाभारत के रोचक प्रसंग।

श्री वीर दुर्गादास राठौड़ भागवत समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक प. आयुष कृष्ण नयन ने बताया कि किसी भी स्थान पर बिना निमंत्रण जाने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि जहां आप जा रहे है वहां आपका, अपने इष्ट या अपने गुरु का अपमान तो नही हो रहा हैं, यदि ऐसा होने की आशंका हो तो उस स्थान पर नही जाना चाहिए, चाहे वह स्थान अपने जन्म दाता पिता का ही घर क्यों न हो। कथा के दौरान सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए कहा की भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा।

कथा में व्यासपीठ से पण्डित कृष्ण नयन ने उत्तानपाद के वंश में ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए बताया कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया। परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम के साथ त्याग की नितांत आवश्यकता रहती है। भक्त ध्रुव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा को सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है। भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए, क्योंकि बचपन कच्चे मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि पाप के बाद कोई व्यक्ति नरकगामी हो, इसके लिए श्रीमद भागवत में श्रेष्ठ उपाय प्रायश्चित बताया है। अजामिल उपाख्यान के माध्यम से इस बात को विस्तार से समझाया साथ ही कथा के दौरान भजन गायक गोरव् भाई ने मधुर मधुर भजनों की प्रस्तुति दी, जिस पर पूरा पांडाल नृत्य करने से नही रोक पाया।

*सातदिवसीय संगीत मय भागवत कथा का आयोजन*
: नानपुर में चल रही सात दिवसीय संगीत मय भागवत कथा के दौरान रविवार को कथावाचक आयुष कृष्ण नयन यमनोत्रीधाम द्वारा रविवार को विभिन्न प्रसंग सुनाए गए। कथा वाचक ने महाभारत रामायण से जुड़े विभिन्न प्रसंग सुनाए। साथ ही उन्होंने कहा कि परम सत्ता में विश्वास रखते हुए हमेशा सद्कर्म करते रहना चाहिए *सत्संग हमें भलाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है*।

समिति के राकेश राठौड़ ने बताया कि कथा स्थल पर प्रतिदिन सुबह अपने अपने पुर्वजो के निमित श्रादपक्ष मैं तर्पण कार्य किया जा रहा है।श्री वीर दुर्गादास भागवत समिति द्वारा अपने पूर्वोजो की आत्मा की शांति के लिए तर्पण कार्य भी किये जा रहे है। महिला मंडल ने रात्रिकालीन गायत्री पठन और दीप यज्ञ का अयोजन रखा गया। सोमवार को भगवान श्री कृष्ण के जन्म लीलाओं का आकर्षक ढंग से सजीव चित्रण किया जाएगा। साथ ही भगवान् कृष्ण की बाल गोपाल की झांकियां बनाई जाएगी।कथा के मुख्य यजमान राहुल राजेंद्र एवं नारायण कंवरजी परिवार हैं।भागवत कथा की सभी व्यवस्थाएं समिति और यजमान परिवार द्वारा की जा रही है। कथा में सैकड़ों श्रद्धालु कथा श्रवण हेतु जोबट, खट्टाली, अलीराजपुर, बड़वानी, लक्षमणि, कुक्षी आदि स्थानों से उपस्थित होकर कथा लाभ ले रहे हैं।

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